Home अध्यात्म नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार करें कन्या पूजन, मिलेगा माता का...

नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार करें कन्या पूजन, मिलेगा माता का आशीर्वाद

5
0
Jeevan Ayurveda

नवरात्रि में नौ दिन तक माता अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती हैं। नवरात्र के दिनों में की गई प्रार्थना, पूजा-पाठ, साधना करने से मां दुर्गा जीवन में आने वाले या फिर चल रहे कष्टों को दूर देती हैं। नवरात्रों के दिनों में अगर मां की कृपा जल्दी पाना चाहते हैं तो अष्टमी और नौवीं के दिन कन्या पूजन जरूर करना चाहिए। अगर कन्या पूजन न किया जाए तो नौ दिनों तक किये गए तप और व्रत का फल नहीं मिलता। ज्योतिष के अनुसार कन्या पूजन को पांच हिस्सों में बांटा गया है – पहला कन्याओं के पैर धुलाना, दूसरा मस्तक पर टीका लगाना, तीसरा जोत जलाना, चौथा उन्हें भोजन कराना और दक्षिणा देकर आशीर्वाद लेना। वास्तु शास्त्र के अनुसार इन सब कार्यों के लिये एक उचित दिशा निर्धारित है। तो आइए जानते हैं कन्या पूजन के समय कौन सी दिशा का ध्यान रखना चाहिए।

कन्याओं को टीका लगाते समय उत्तर-पूर्व की तरफ मुख करना चाहिए।

Ad

मां का प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें कि बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा में ही हो।

अगर अष्टमी या नौवीं के दिन श्री यंत्र की स्थापना कर रहे हो तो उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में उसकी स्थापना करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में खुशहाली भरा माहौल बना रहता है।

मां दुर्गा को खुश करने के लिए मिठाई, खीर, हलवा अथवा केसरिया चावल कन्याओं को भेंट स्वरूप दें।

घर में सुबह के समय उत्तर दिशा में मिट्टी का कलश स्थापित करके उसमें गंगा जल और गौ मूत्र डालें। कंजक पूजा करने के बाद उसके जल का छिड़काव पूरे घर में करना चाहिए। ऐसा करने से घर में कभी भी नकारात्मकता वास नहीं करती।

कहते हैं जिस घर में कन्या खुशी-खुशी भोजन करती हैं, वहां हमेशा आनंद बना रहता है।

 

Jeevan Ayurveda Clinic

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here