आजमगढ़ लोकसभा सीट पर यादव मतदाता निर्णायक साबित होता, अब भाजपा निरहुआ के सहारे यादवों को रिझाएगी

आजमगढ़
उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ जिला समाजवादी पार्टी का गढ़ है। भाजपा ने एक बार फिर यहां भोजपुरी सुपरस्टार निरहुआ पर भरोसा जताया है। इस सीट पर यादव निर्णायक भूमिका में हैं। निरहुआ दो बार यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। वह 2019 लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़े थे। उसमें उनको हार का सामना कर पड़ा था। 2022 के उपचुनाव में उन्होंने अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव हरा दिया था।

आजमगढ़ लोकसभा सीट पर यादव मतदाता निर्णायक साबित होता है। उनकी संख्या लगभग 4 लाख है। दूसरे नंबर मुस्लिम समाज आता है। उनकी संख्या 3 लाख 50 हजार है। तीसरे नंबर पर दलित मतदाता है। उनकी संख्या लगभग 3 लाख है। यह सीट परंपरागत रूप से समाजवादी पार्टी की रही है। बसपा ने जरूर यहां से 3 बार जीत हासिल की है। 2009 में पहली बार आजमगढ़ से भाजपा ने जीत हासिल की थी। 2009 के लोकसभा उपचुनाव में रमाकांत यादव को टिकट देकर भाजपा ने यादवों में सेंधमारी कर दी थी।

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