कांग्रेस संगठन पदाधिकारियों के काम में निष्क्रिय रहने वाले की छुट्टी कर देगा

भोपाल
लंबी ऊहापोह के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति का गठन हो चुका है। सभी पदाधिकारियों को दायित्व भी मिल गया है। अब कांग्रेस पार्टी की प्रदेश इकाई ने तय किया है कि इन सबके कामों का त्रैमासिक मूल्यांकन किया जाएगा। सभी पदाधिकारियों को प्रतिमाह अपने कामकाज का ब्यौरा प्रदेश कांग्रेस को देना होगा। इसमें दौरे, बैठकों और कार्यक्रमों की जानकारी रहेगी।

वहीं, जिला और ब्लॉक इकाइयों से भी प्रदेश पदाधिकारियों की गतिविधियों का फीडबैक लिया जाएगा। इसके आधार पर मूल्यांकन होगा। जो भी कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा, उसकी छुट्टी करने का इरादा है।

विरोध के बाद साधा संतुलन

यहां पर यह बता दें कि कांग्रेस ने पहले छोटी कार्यसमिति बनाने का निर्णय लिया था। इसके हिसाब से 17 उपाध्यक्ष और 71 महासचिव बनाए गए। विरोध के स्वर उभरे तो 84 सचिव और 36 संयुक्त सचिव नियुक्त करके संतुलन साधने का प्रयास किया गया। महासचिवों को जिले का प्रभारी बनाया गया है और उनका सहयोग करने के लिए सचिव और सह सचिवों को सह प्रभारी बनाया है।

जिलों का करना होगा दौरा

इन्हें निर्देश दिए गए हैं कि सबको माह में कम से कम एक बार प्रभार के जिले का दौरा करना होगा। जिला और ब्लॉक कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक करके संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करनी होगी। कांग्रेस द्वारा दिए जाने वाले कार्यक्रमों का नेतृत्व करने के साथ उसकी रिपोर्ट भी प्रदेश मुख्यालय को देनी होगी। इसके आधार पर कामकाज का त्रैमासिक मूल्यांकन होगा।

संगठन के कामों में रुचि न दिखाने वाले निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी कर दी जाएगी। इनके स्थान पर युवा नेताओं को मौका दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि सभी के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे। सबका मकसद संगठन को मजबूत बनाना है। इसके लिए यह व्यवस्था बनाई गई है।

जिलों में होंगे प्रशिक्षण

पार्टी ने यह भी तय किया है कि संगठन को हर स्तर पर सक्रिय किया जाएगा। जिलों में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसमें बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा। प्रशिक्षण विभाग द्वारा पार्टी की रीति-नीति और कार्यक्रम बताए जाएंगे। इसके साथ ही भाजपा सरकार की वादाखिलाफी को मुद्दा बनाकर प्रदर्शन भी किए जाएंगे।

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