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पहलगाम आतंकी हमले पर हम मारे गए 26 लोगों के परिजनों के साथ हैं और दिल से हमदर्दी रखते हैं: उमर अब्दुल्ला

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श्रीनगर
पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में भावुक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि हम मारे गए 26 लोगों के परिजनों के साथ हैं और दिल से हमदर्दी रखते हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि यह मौका नहीं है, जब हम केंद्र सरकार से पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग करें। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम इतनी सस्ती सियासत नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि माहौल सही रहे और मेहमानों पर कोई आंच न आए जम्मू-कश्मीर की चुनी हुई सरकार की यह जिम्मेदारी है। अब्दुल्ला ने कहा, 'इस मौके पर मैं जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की मांग नहीं करूंगा। मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की मांग कर सकता हूं। हम हमेशा राज्य के दर्जे की डिमांड करेंगे, लेकिन आज यदि ऐसी मांग करूं तो मुझ पर लानत है।'

उन्होंने कहा कि इस मौके पर तो हम एक ही चीज मांगते हैं कि हमले की कड़ी निंदा और मारे गए लोगों के परिजनों से दिल से हमदर्दी। वहीं उन्होंने हमले के बाद स्थानीय लोगों की भूमिका की भी तारीफ की। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि होटल वालों ने अपने कमरे छोड़े और कहा कि आप लोग यहां रहिए। ऑटो वालों ने कहा कि आपको जहां तक जाना है, हम बिना किसी पैसे को छोड़ेंगे। ऐसी कश्मीरियत को मैं सलाम करता हूं। यही हमारी मेहमाननवाजी है। जान की परवाह किए बिना आदिल ने जान बचाई, लोकल लोगों ने मदद की पूरी कोशिश की। ये मौका आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत है। ऐसा कोई कदम न उठाया जाए कि अपने दूर हो जाएं। जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों में 2 मिनट का मौन रखा गया।

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मेज थपथपाने लगे मेंबर तो उमर अब्दुल्ला बोले- ऐसा मत करिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुस्जिदों के इस मौन को हम समझते हैं। इसके अलावा अफवाहों के दौर पर भी उन्होंने बात की। अब्दुल्ला ने कहा कि सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने वाले लोगों को समझना चाहिए कि इससे लोगों की जिंदगी कितनी मुश्किल होती है। उन्होंने कहा कि हम बंदूक से आतंकवाद को कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन खत्म नहीं किया जा सकता। जम्मू-कश्मीर की चुनी हुई सरकार की यह जिम्मेदारी है। इस मौके पर मैं जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की मांग नहीं करूंगा। मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की मांग कर सकता हूं। हम हमेशा राज्य के दर्जे की डिमांड करेंगे, लेकिन आज यदि ऐसी मांग करूं तो मुझ पर लानत है। इस दौरान जब कुछ सदस्यों ने उनके भाषण पर मेज थपथपाने की कोशिश की तो कहा कि इस मौके पर ऐसा ठीक नहीं।

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