महबूबा मुफ्ती तो शुरू से ही पाकिस्तान की भाषा बोलती रही हैं, कभी अमन, शांति का पैगाम तो नहीं दिया: महबूबा मुफ्ती

पटना
केंद्रीय कपड़ा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को पाकिस्तान परस्त बताया है। आरोप लगाया है कि महबूबा कभी अमन चैन का पैगमा नहीं देती हैं। मीडिया से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत से दुख है तो वह फारूख अब्दुल्ला से जाकर मिलें। गले मिलकर दुख प्रकट करें। महबूबा मुफ्ती तो शुरू से ही पाकिस्तान की भाषा बोलती रही हैं। उन्होंने अपनी भाषा के माध्यम से कभी अमन, शांति का पैगाम तो दिया नहीं है।

दरअसल, इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह के समर्थन में महबूबा मुफ्ती ने एक पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा, ‘‘लेबनान और गाजा के शहीदों, खास तौर पर हसन नसरल्लाह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं कल अपना अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख की घड़ी में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं।‘’ पीडीपी प्रमुख के इस पोस्ट के बाद से भाजपा के तमाम नेता लगातार महबूबा मुफ्ती पर प्रहार कर रहे हैं।

जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने भी महबूबा मुफ्ती की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, महबूबा मुफ्ती जो हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत पर आंसू बहा रही हैं, इनके आंसू तब नहीं बहते हैं जब बांग्लादेश में हिन्दुओं को मौत के घाट उतारा जाता है। शुक्रवार (27 सितंबर) देर रात इजरायली हमले में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह मारा गया था। हिजबुल्लाह ने एक बयान जारी कर इसे ' कायरतापूर्ण आतंकवादी कृत्य, नरसंहार और एक घृणित अपराध' बताया था। उसने कहा था कि इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इजरायल 'खून खराबा और क्रूरता' की हदें पार करता है।

नसरल्लाह, 30 साल की उम्र में 1992 में हिजबुल्लाह का महासचिव बना था। अगले 32 वर्षों में उसने हिजबुल्लाह को न सिर्फ लेबनान बल्कि मध्य पूर्व की एक बड़ी ताकत बना दिया था। वह इजरायल का दुश्मन नंबर एक बन गया था।

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