वाराणसी में वॉटर टैक्सी का विरोध, नाराज नाविकों का धरना-प्रदर्शन

वाराणसी

गंगा में वाटर टैक्सी चलाने का विरोध तेज होता जा रहा है। माझी समाज ने विरोध का दूसरा रास्ता अपनाया। रविदास घाट से चलने वाले तीनों क्रूजों का संचालन रोकने के लिए उनके आसपास नावों से घेराबंदी कर धरना प्रदर्शन किया। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर नाविकों ने देर शाम धरना समाप्त किया। इस विरोध प्रदर्शन के चलते क्रूज का संचालन नहीं हो सका।

गंगा में वाटर टैक्सी के संचालन को लेकर मां गंगा निषादराज सेवा न्यास से जुड़े नाविक पिछले कई दिनों से आंदोलित हैं। गंगा में दो दिनों से नौका संचालन ठप कर रखा था। इस पर डीएम मंगलवार को सुबह 10.50 बजे एडीएम व पुलिस अधिकारियों के साथ दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस चौकी पहुंचे। उन्होंने अध्यक्ष प्रमोद माझी व हड़ताल में शामिल नाविकों के साथ बैठक कर हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने नाव संचालकों को वाटर टैक्सी के संचालन के लिए टेंडर का ऑफर भी दिया।

वहीं, अध्यक्ष प्रमोद माझी ने बताया कि डीएम के साथ बातचीत में कोई हल न निकलने पर गंगा में नाव पर बैठक कर प्रदर्शन किया गया। इसी बीच करीब ढाई बजे नाविकों ने रविदास घाट पहुंचकर क्रूज का संचालन ठप करने के लिए गंगा में 10 नावों से उसका रास्ता बाधित कर दिया। देर शाम पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।

घाट से चलते हैं तीन क्रूज रविदास घाट से नमो घाट तक अलकनंदा, मानिकशाह व भागीरथी नाम से प्रतिदिन तीन क्रूज चलते हैं। इनमें सौ सीट की बुकिंग होती है। नाविकों के आंदोलन के कारण मंगलवार को तीनों क्रूज का संचालन नहीं हो सका।

विवाद का फिलहाल पटाक्षेप
डीएम एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में मंगलवार को नाविक संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों की बैठक में वाटर टैक्सी के विवाद का फिलहाल पटाक्षेप हो गया। रविदास घाट पर डीएम, नगर निगम के अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के साथ नाविक संघ की बैठक में सहमति बनी कि नाविक संघ 11 सदस्य टीम बनाएगा। यही टीम जिला प्रशासन के साथ अगले एक माह में समस्या का समाधान निकालेगा। डीएम ने बैठक के दौरान नाविकों को ओवरलोड नावों का संचालन न करने का निर्देश दिया। कहा कि घाटों पर नाव बनाने या मरम्मत के नाम पर अतिक्रमण न किया जाए।