नई दिल्ली
ताइवान सरकार ने बुधवार को कहा कि वह भारत के साथ सहयोग को और प्रगाढ़ करने के व्यापक उद्देश्य के तहत मुंबई में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (TECC) स्थापित करेगी। मौजूदा समय में, ताइवान के पास दिल्ली और चेन्नई में टीईसीसी हैं। भारत की वित्तीय राजधानी में टीईसीसी स्थापित करने का ताइवान का निर्णय ऐसे समय में आया है जब प्रमुख ताइवानी कंपनियां अपने उत्पादन इकाइयां चीन से भारत, अमेरिका और यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं।
इसे ताइपे द्वारा एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ताइवान की 'चीन-प्लस-वन' रणनीति का उद्देश्य चीन के बाहर दूसरे देशों में अपने व्यवसायों को संचालन करने और उसका विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। हालाँकि, भारत के ताइवान के साथ अभी तक औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं क्योंकि वह एक-चीन नीति का पालन करता है। ऐसे में ताइवान ने भारत में व्यापार करने के लिए ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए हैं।
दूतावास की अनुपस्थिति में, ये केंद्र भारत में ताइवान के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। दिल्ली में इसका कार्यालय एक दूतावास के रूप में कार्य करता है,जबकि चेन्नई में एक वाणिज्य दूतावास के रूप में कार्य करता है। अब तीसरा केंद्र मुंबई में खोलने का ऐलान ताइवान ने किया है।
पिछले साल अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (अमेरिकी संसद का निचला सदन) की अध्यक्ष नैन्सी पालोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत दुनिया के सबसे बड़े चिप विनिर्माता ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन (टीएसएमसी) सहित प्रमुख ताइवानी चिप उत्पादकों की उत्पादन इकाइयां यहां स्थानांतारित करने इच्छुक है। टीएसएमसी के ग्राहकों में एप्पल भी शामिल है।
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुंबई में टीईसीसी स्थापित करने का निर्णय, हाल के वर्षो में व्यापार, महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्रों में दोनों देशों के मजबूत होते संबंधों के मद्देनजर लिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि मुंबई में आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश अवसर बढ़ेंगे।
बुधवार को एक आधिकारिक बयान में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हाल के वर्षों में, चीन गणराज्य (ताइवान) और भारत गणराज्य के बीच अर्थव्यवस्था और व्यापार सहित, विज्ञान और प्रौद्योगिकी,महत्वपूर्ण आपूर्ति शृंखला, संस्कृति, शिक्षा और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में सहयोग में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है। इस प्रगति के आलोक में, आर.ओ.सी. (ताइवान) सरकार दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग को और गहरा करने के लिए मुंबई में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (TECC) की स्थापना करेगी।"
बयान में कहा गया है कि 2012 में चेन्नई में टीईसीसी की स्थापना के बाद से,लगभग 60 फीसदी ताइवानी कंपनियां भारत में निवेश करने और कारखाने खोलने और उसका परिचालन करने का विकल्प चुना है। बयान में कहा गया है कि मुंबई में टीईसीसी की स्थापना से पश्चिमी भारत में भी इसी तरह का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
मुंबई में अपना कार्यालय खोलने का औचित्य बताते हुए कहा गया है कि भारत 2022 में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और इस साल सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। अपने विशाल बाजार और संबंधित व्यावसायिक अवसरों के साथ, भारत वैश्विक उद्यमों के लिए एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। मुंबई भारत का सबसे बड़ा शहर है, जो देश के वित्तीय केंद्र के रूप में कार्य करता है और अपने सबसे बड़े बंदरगाह का दावा करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने मुंबई में वाणिज्य दूतावास स्थापित किए हैं।