नई दिल्ली
महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) के दो घटक दलों- उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी में टूट के बाद अब तीसरे और सबसे बड़े घटक दल कांग्रेस में टूट की बारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी सूत्रों ने दावा किया है कि कांग्रेस के दो प्रमुख नेता उनसे बातचीत कर रहे हैं और चर्चा अब अंतिम चरण में है। इससे पहले, महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी दावा किया था कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेता दल बदल को बेकरार हैं।
जब मुनगंटीवार से भाजपा के संपर्क में कांग्रेसियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने समाचार एजेंसी ANI को बताया,"सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि ऐसे कई लोग हैं जो अपनी पार्टियों से नाखुश हैं क्योंकि उनके नेता स्वार्थ से भरे हुए हैं।" वे देश की प्रगति के रास्ते में बाधाएं पैदा करते हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को नहीं चाहते- ठीक वैसे ही जैसे चीन और पाकिस्तान चाहते हैं।"
इस बीच, कांग्रेस ने इस तरह की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। फिलहाल कांग्रेस शिव सेना और एनसीपी के विभाजन के मद्देनजर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए प्रयास कर रही है। वैसे पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एक हालिया इंटरव्यू में दावा किया था कि भाजपा ने पहले कांग्रेस को भी तोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था, ''दो-तिहाई संख्या 30 विधायकों की होती है, जो आसान नहीं होगा… एक या दो विधायक शामिल हो सकते हैं।''
हालाँकि, रविवार को एनसीपी में विद्रोह कर उप मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले अजित पवार के दांव के बाद कांग्रेस भी सतर्क हो गई है और अपने खेमे को लामबंद रखने की कोशिशों में जुट गई है। पार्टी ने मंगलवार को ही बैठक की और स्थिति पर चर्चा की। बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, "हम मजबूत और एकजुट हैं। हम एमवीए में हैं।"
बता दें कि पिछले साल एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना से अलग होने और 39 विधायकों के टूटने के बाद एमवीए का संख्याबल कम हो गया था। अब एनसीपी के अजीत पवार का दावा है कि उन्हें पार्टी के 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। हालांकि रविवार को केवल नौ विधायकों ने ही शपथ ली। 288 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 45 सदस्य हैं। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास 17 विधायक हैं।