पहले शिवसेना, अब NCP के हाल से MVA बेहाल; कांग्रेस का अलग ही प्लान

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में सियासी हलचल थमी नहीं है। मंगलवार को महाविकास अघाड़ी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथी दल कांग्रेस और शिवसेना (UBT) बैठक करने वाले हैं। हालांकि, अब तक बैठक का एजेंडा तय नहीं हो सका है, लेकिन संभावनाएं जताई जा रही हैं कि दोनों दल एनसीपी में हुए हालिया घटनाक्रमों को लेकर आगे की रणनीति तय कर सकते हैं। अगर अजित का दावा सच साबित होता है, तो महज चार सालों में ही एमवीए 165 से घटकर 80 से भी कम सीटों पर आ जाएगी।

मौके की तलाश में कांग्रेस
कांग्रेस एनसीपी की आपदा में अवसर खोज सकती है। खबर है कि अब सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी कांग्रेस की नजर नेता प्रतिपक्ष के पद पर है। हालांकि, खुद वरिष्ठ नेता शरद पवार कांग्रेस की इस मांग को जायज बता रहे हैं। उन्होंने कहा था, 'सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी पद की मांग कर सकती है। यह जायज मांग है।'

उद्धव सेना भी करेगी मंथन
इधर, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदलने का दावा कर चुकी शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) भी मंगलवार को अहम बैठक करने वाली है। पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि अयोग्य ठहराए जाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बदले जाएंगे। साथ ही मुखपत्र 'सामना' के जरिए पार्टी ने अजित पवार को ही अगला सीएम बताया है। हालांकि, भाजपा इन दावों को खारिज कर रही है। खास बात है कि जून-जुलाई 2022 में उद्धव भी शरद पवार की तरह ही बगावत का शिकार हो चुके हैं। उस दौरान शिंदे ने 40 शिवसेना विधायकों के समर्थन से भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। साथ ही पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर भी जीत हासिल कर ली थी।

दो दिनों में क्या हुआ
रविवार को अजित ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली। उनके साथ 8 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। इधर, बगावत से नाराज एनसीपी ने अजित समेत 8 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस जारी कर दिया था। साथ ही NCP ने प्रफुल्ल पटेल, सांसद सुनील तटकरे, नरेंद्र राठौड़, विजय देशमुख और शिवाजीराव गरजे को पार्टी से बाहर कर दिया था। खास बात है कि अजित की तरफ से भी सियासी हमले जारी हैं। उन्होंने जयंत पाटिल को हटाकर तटकरे को एनसीपी महाराष्ट्र का प्रमुख बनाया है। खबरें हैं कि अजित कैंप ने एनसीपी के नाम और चुनाव चिह्न के लिए भी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का दरवाजा खटखटाया है। साथ ही कहा जा रहा है कि उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस को समर्थन कर रहे 40 विधायकों के नाम की सूची सौंपी है।