नई दिल्ली
किलो में बिकने वाला टमाटर अब ग्राम में बिकने लगा है। करीब एक महीने पहले थोक मंडी में एक रुपये किलो के भाव पर भी जिसे, कोई नहीं पूछ रहा था, वह आज 200 रुपए किलो बिक रहा है। हरी मिर्च के तेवर भी अब तीखे हो गए हैं। टमाटर और मिर्च एक हो गए हैं। मिर्च के भाव भी 160 रुपये किलो हैं। सरकार के आंकड़ों की बात करें तो सबसे महंगा टमाटर रविवार को 133 रुपये किलो शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश में था तो सबसे सस्ता 11 रुपये किलो लोहरदगा में।
अन्य सब्जियों के भाव की बात करें तो नेनुआ 50 से 60 रुपये, तरोई 40 से 60 रुपये, करेला 50-60 रुपये किलो पर पहुंच गए हैं। बैगन भी 60 रुपये पर अड़ा है। केवल आलू 15 और प्याज 25 रुपये प्रति किलो पर पड़ा है। कुशीनगर में रविवार को फुटकर बाजारों में भिंडी 50, परवल देशी 80 से 100, परवल चलानी 40 रुपये, लौकी 40 रुपये किलो बिकी।
इन शहरों में 120 और इससे ऊपर है टमाटर का रेट
शाहजहांपुर 133
चित्रकूट 130
अहमदनगर 123
रामनाथपुरम 122
बस्ती 120
धार 120
सिंगरौली 120
गोड्डा 120
नामची 120
इन शहरों में 20 रुपये किलो से नीचे है भाव
लोहरदगा 11
न्यूनतम मूल्य1 11
पुरुलिया 13
बांका 14
वैशाली 14
रामपुर 16
बुलंदशहर 16
कन्नौज 16
नवादा 16
शाहडोल 17
बारां 17
बहराइच 18
शामली 18
बालाघाट 18
देवघर 18
रामगढ़ 18
अंगुल 19
विश्वनाथ चराली 19
स्रोत: उपभोक्ता मंत्रालय (रेट 2 जुलाई 2023)
रायसेन में टमाटर 160 रुपये प्रति किलो
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में टमाटर की कीमतें 160 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, जो राज्य में सबसे बड़ा उत्पादक है। पीटीआई की खबर के मुाताबिक राज्य के बाकी हिस्सों में टमाटर की कीमतें 120 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। टमाटर की कीमतें 160 रुपये किलो होने पर जिला कलेक्टर अरविंद दुबे ने कहा कि उच्च मांग और कम आपूर्ति के कारण इतने दाम बढ़े हैं।
टमाटर की आसमान छूती कीमतों पर सरकार ने दी सफाई
देश में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। टमाटर लोगों को महंगाई के आंसू रुला रहा है। टमाटर की कीमत सौ रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक पहुंच गई हैं। मध्य प्रदेश के रायसेन क्षेत्र में रविवार को टमाटर दो सौ रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि टमाटर की कीमत जल्द कम होनी शुरु हो जाएगीं।
टोमेटो ग्रैंड चैलेंज हैकथॉन
टमाटर की बढती कीमतों के बीच सरकार ने एक अनोखा टोमेटो ग्रैंड चैलेंज हैकथॉन आयोजित करने का फैसला लिया है। इसके तहत सरकार जनता से टमाटर की कीमतों को कम करने का सुझाव मांग रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय इस हैकथॉन के तहत समाज के अलग-अलग वर्ग से इन्नोवेटिव आइडिया मांग रही है। यूं तो देश के हर हिस्से में टमाटर पैदा होता है। पर ज्यादातर पैदावार दक्षिण व पश्चिम भारत में होती है। इन दोनों क्षेत्रों में टमाटर की कुल उत्पादन की 55 से 60 फीसदी उत्पादन होता है। टमाटर की फसल का पीक सीजन दिसंबर से फरवरी के बीच में होता है। जुलाई से लेकर अगस्त में टमाटर की पैदावार सबसे कम होती है।
मानसून की वजह से टमाटर के बढ़े रेट
मंत्रालय का कहना है कि जुलाई में मानसून की वजह से टमाटर के वितरण और प्रक्रिया में नुकसान की वजह से टमाटर की कीमत बढ़ जाती है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बेमौसम बरसात की वजह से टमाटर के दामों में उछाल देखा जा रहा है। जल्द ही हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के कुछ भागों से टमाटर की आवक टमाटर की कीमत कम होनी शुरु हो जाएगीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर हम टमाटर के पिछले साल के दामों से तुलना करते हैं तो इसमें ज्यादा अंतर नहीं देखा जा रहा है। वहीं, आलू और प्याज के दाम पूरी तरह स्थिति में हैं। सरकार के रुख से साफ है कि उसे टमाटर की कीमतों में जल्द कमी आने की उम्मीद है। पर सरकार को टमाटर की सप्लाई को सुनिश्चित करना होगा।