देश
ऑनलाइन पढ़ाई में DDU पर भारी पड़ गया सीएम योगी का MPPG कालेज

गोरखपुर
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को हाईटेक करने की मुहिम परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। विश्वविद्यालय के संसाधनों पर एक महाविद्यालय भारी पड़ गया है। सीएम योगी इस कालेज के प्रबंधक हैं। जंगल धूसड़ स्थित महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज के शिक्षकों ने विवि के शिक्षकों की तुलना में चार गुना अधिक ई-कंटेंट शासन की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। प्रदेश की सूची में एमपीपीजी कॉलेज को 11वीं रैंक मिली है। जबकि विश्वविद्यालय को 23वां स्थान मिला है।
कालेज स्तर पर एमपीपीजी प्रदेश में सर्वाधिक ई-कंटेंट अपलोड करने वाला पहला कॉलेज है। इस रैंकिंग में पहले 10 स्थान पर अलग-अलग विश्वविद्यालय काबिज हैं। महाविद्यालय की श्रेणी में एमपी पीजी कॉलेज पहले स्थान पर है। एमपीपीजी कॉलेज की तुलना में विश्वविद्यालय के पास शिक्षकों की बड़ी फौज है। विश्वविद्यालय में करीब 40 विभागों में 250 शिक्षक तैनात हैं। एमपीपीजी कॉलेज में 22 विभागों में 65 शिक्षक तैनात है। कम संख्या के बावजूद एमपीपीजी कॉलेज ने उच्च शिक्षा के डिजिटल लाइब्रेरी में दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। जबकि विश्वविद्यालय में अब तक सिर्फ 277 ई-कंटेंट अपलोड कर आ सका है।
कतार में छह हजार ई-कंटेंट, कमेटी करती है फैसला
एमपीपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप राव ने बताया कि प्रदेश सरकार की डिजिटल लाइब्रेरी में अपलोड ई-कंटेट को देश के छात्र देख सकते हैं। ऐसे में इस ई-कंटेट को अपलोड करने से पहले सावधानी व एहतियात की जरूरत है। इस कंटेट को अपलोड करने से पहले महाविद्यालय की कमेटी मंजूर करती है। कमेटी में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष सदस्य हैं। कमेटी के सामने कंटेट का प्रस्तुतीकरण शिक्षक करते हैं। खामियां मिलने पर कमेटी सुझाव देती है। खामियों को दूर करने के बाद दोबारा प्रस्तुतिकरण होता है। कमेटी की मंजूरी के बाद ही उसे राज्य सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है।
वर्ष 2007 से ही हाईटेक हो रहा है महाविद्यालय
उन्होंने बताया कि महाविद्यालय वर्ष 2007 से ही हाईटेक हो रहा है। वर्ष 2007 में ही महाविद्यालय में प्रोजेक्टर से पढ़ाई शुरू हो गई। वर्ष 2010 में महाविद्यालय में ई-लाइब्रेरी स्थापित हो गई थी। वर्ष 2007 से ही महाविद्यालय के शिक्षकों को प्रोजेक्टर पर पढ़ाने के लिए पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) तैयार करने की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई थी। सभी शिक्षक इस विधा में एक्सपर्ट हैं। कालेज में वर्ष 2010 से शिक्षक अनिवार्य तौर पर पीपीटी से ही पढ़ा रहे हैं। इस वजह से महाविद्यालय के पास इस समय छह हजार से अधिक ई-कंटेंट तैयार हैं। इन्हें और गुणवत्तापूर्ण बनाकर अपलोड करने की प्रक्रिया की जा रही है। इन कंटेंट को भी चरणबद्ध तरीके से अपलोड किया जाएगा।